Tuesday, June 23, 2015

देखा है हमने भि जिन्दगीको करीब से_38

" देखा है हमने भि जिन्दगीको करीब से
बात कुछ बनती नै नहि सिर्फ नसीबसे ,
होते नहि अरमान पुरे खोकले इरादोसे
और चलती नहि जिन्दगी मरे हुए वादोसे "
" मंजिलको पाना इतना आशान नहि है
चलते है लोग मगर दिशाका ज्ञान नहि है ,
भरे पडे है लोग इस जहाँमे ..............
जो सास तो ले रहे है पर उनमे भि जान नहि है "
" मेरे हालात पे हँस्ने बाले ये न सोचले , कि मै कमजोर हु , ये तो सब वक्त कि बात है , कभी दिन है तो कभी रात है "
" क्यों डरे ज़िंदगी में क्या होगा.,
क्यो सोचे की हमेशा बुरा होगा,
बड़ते रहे मंज़िल की ओर,
कुछ नही तो तज़ुर्बा तो नया होगा, "
" कोई साथ दे ना दे,चलना तु सीख ले;
हर आग से हो जा वाकिफ जलना तु सीख ले;
कोई रोक नहीं पायेगा बढ़ने से तुझे मंज़िल की तरफ;
हर मुश्किल का सामना करना तू सीख ले "
" मुश्किलों से भाग जाना आसन होता है ,
हर पहलु ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है ,
डरने वालो को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में ,
लड़ने वालो के कदमो में जहाँ होता है "

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