एक कंजूस व्यक्ति ने जीवन भर कंजूसी करके
पांच करोड रूपये एकत्रित कर लिये।
इस एकत्रित धनकी बदौलत वह एकसाल तक
बिना कोई काम किए
चैन की बंशी बजाने के स्वप्न देखने लगा।
इसके पहले कि वह उस धन को निवेश करने
का इरादा कर पाता,
यमदूत ने उसके दरवाज़े पर दस्तक दे दी।
उस व्यक्ति ने यमदूत से कुछ समय देने
की प्रार्थना की परंतु यमदूत टस से मस
नहीं हुआ।
उसने याचना की - "मुझे तीन दिन
की ज़िंदगी दे दो, मैं तुम्हें
अपना आधा धन दे दूँगा।" पर यमदूत ने
उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया।
उस व्यक्ति ने फिर प्रार्थना की "मैं आपसे
एक दिन की ज़िंदगी की भीख मांगता हूं।
इसके बदले तुम
मेरी वर्षों की मेहनत से जोड़ा गया पूरा धन
ले लो।
"पर यमदूत फिर भी अडिग रहा।
अपनी तमाम अनुनय- विनय के बाद उसे
यमदूत से सिर्फ इतनी मोहलत
मिली कि वह एक संदेश लिख सके।
उस व्यक्ति ने अपने संदेश में लिखा -
"जिस किसी को भी यह संदेश मिले, उससे मैं
सिर्फ इतना कहूँगा -
"कि वह जीवन भर सिर्फ संपत्ति जोड़ने
की फिराक में न रहे।
ज़िंदगी का एक - एक पल पूरी तरह से
जियो।
मेरे पांच करोड रूपये भी मेरे लिए एक घंटे
का समय नहीं खरीद सके।
" इसलिए दोस्तों वर्तमान में जियो,
भविष्य की सोच सोच कर अपने वर्तमान
को ख़राब मत करो..!!"
Monday, December 28, 2015
धन समम्बन्धी कथा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment
टिप्पणी गर्नुहोला......