" जोश ठण्डा हो न पाए
कदम मिलाके चल ,
मंजिल तेरी पग चुमेगी
आज नहि तो कल "
कदम मिलाके चल ,
मंजिल तेरी पग चुमेगी
आज नहि तो कल "
" पा न सका जो कभी उजाला
छु न सका जो कभी आकाश ,
चलो चले हम उस आँगनमे
दिप जलाकर करे प्रकाश "
छु न सका जो कभी आकाश ,
चलो चले हम उस आँगनमे
दिप जलाकर करे प्रकाश "
" जिस दरीयामे गहिराइ नहि
उस दरीयाको पार क्या करना ,
मिलती नहि कामयाबी खोकले इरादोसे
उठ कम्मर बाँध अरे ! मुश्किलोसे क्या डरना "
उस दरीयाको पार क्या करना ,
मिलती नहि कामयाबी खोकले इरादोसे
उठ कम्मर बाँध अरे ! मुश्किलोसे क्या डरना "
"मैं शब्द चुनूँ या चुनूँ भावना,
तुम पूरी कविता बन जाना,
मुझको मुझमें कैद न रखना,
स्वाँसों की सविता बन जाना"
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